Electric Car Noise Levels in India in 2025 | भारत में इलेक्ट्रिक कार के शोर स्तर

Electric cars, यानी electric cars (इलेक्ट्रिक कारें), भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं, और इसका कारण है उनकी पर्यावरण-अनुकूल तकनीक और नवाचार। सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं और पर्यावरण जागरूकता के कारण, भारत में electric vehicles की मांग बढ़ रही है। इन वाहनों की एक खास विशेषता है उनका शोर स्तर, जो पारंपरिक internal combustion engine vehicles से काफी अलग है। जहां conventional cars अपने engine के शोर के लिए जानी जाती हैं, वहीं electric cars, खासकर कम गति पर, लगभग पूरी तरह शांत होती हैं। इस विशेषता ने electric car noise levels in India (भारत में इलेक्ट्रिक कार के शोर स्तर) को एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बना दिया है।

यह समझना जरूरी है कि electric cars के शोर स्तर क्यों मायने रखते हैं। सबसे पहले, यह driving experience को प्रभावित करता है, क्योंकि शांत cabin यात्रियों को अधिक आराम देता है। दूसरा, यह urban areas में noise pollution (शोर प्रदूषण) को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे शहरवासियों का जीवन बेहतर हो सकता है। तीसरा, electric cars की शांत प्रकृति pedestrian safety (पैदल यात्री सुरक्षा) के लिए चुनौतियां पेश करती है, क्योंकि लोग इनके आने की आवाज नहीं सुन पाते। इस लेख में, हम इन सभी पहलुओं को विस्तार से देखेंगे, जिसमें भारत में लोकप्रिय electric cars, उनके शोर स्तर, नियम, और शोर प्रदूषण पर प्रभाव शामिल हैं। अधिक जानकारी के लिए, आप I Love Electric पर जा सकते हैं।

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Understanding Noise Levels in Electric Cars | इलेक्ट्रिक कारों में शोर स्तर को समझना

how loud are electric cars in India
how loud are electric cars in India

वाहनों में शोर को decibels (dB) में मापा जाता है, जो ध्वनि की तीव्रता को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, एक whisper लगभग 30 dB, normal conversation 60 dB, और lawnmower 90 dB का शोर पैदा करता है। पारंपरिक internal combustion engine cars अपने engine, exhaust system, और mechanical components से शोर उत्पन्न करते हैं, जो 70 dB से 100 dB तक हो सकता है। इसके विपरीत, electric cars electric motors पर चलती हैं, जो स्वाभाविक रूप से शांत होते हैं।

कम गति पर, electric cars का शोर स्तर 50 dB या उससे भी कम हो सकता है, जो एक refrigerator के हल्के hum के बराबर है। हालांकि, जैसे-जैसे गति बढ़ती है, tire noise और wind resistance शोर को बढ़ाते हैं, लेकिन फिर भी यह conventional cars से कम रहता है। उदाहरण के लिए, Tata Nexon EV noise level (टाटा नेक्सन ईवी शोर स्तर) को reviews में बहुत कम बताया गया है, खासकर city driving के दौरान। इसी तरह, MG ZS EV sound (एमजी जेडएस ईवी ध्वनि) भी शांत मानी जाती है, जो एक आरामदायक driving experience प्रदान करती है।

  • कम गति पर शांति: Electric cars कम गति पर लगभग silent होती हैं, जिससे urban driving में शोर कम होता है।
  • उच्च गति पर शोर: 80 km/h से ऊपर, tire और wind noise प्रमुख हो जाते हैं, लेकिन engine noise की अनुपस्थिति cabin को शांत रखती है।
  • तकनीकी पहलू: Electric motors एक हल्का hum पैदा करते हैं, लेकिन यह conventional engines की तुलना में नगण्य है।

यह समझने के लिए कि how loud are electric cars in India (भारत में इलेक्ट्रिक कारें कितनी जोर से हैं), हमें उनके decibel levels और driving conditions को देखना होगा। Electric cars की यह विशेषता उन्हें urban environments में आदर्श बनाती है, जहां शोर एक बड़ी समस्या है।

Popular Electric Cars in India and Their Noise Levels | भारत में लोकप्रिय इलेक्ट्रिक कारें और उनके शोर स्तर

Tata Nexon EV
resale value of Tata Nexon EV

भारत का electric vehicle market तेजी से बढ़ रहा है, और कई मॉडल उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। इनमें से दो प्रमुख हैं Tata Nexon EV (टाटा नेक्सन ईवी) और MG ZS EV (एमजी जेडएस ईवी)। आइए इनके शोर स्तरों पर नजर डालें।

Tata Nexon EV (टाटा नेक्सन ईवी): यह compact SUV अपनी performance और affordability के लिए जानी जाती है। Tata Nexon EV noise level (टाटा नेक्सन ईवी शोर स्तर) बहुत कम है, खासकर city driving में। Team-BHP की एक review के अनुसार, “केवल electric motor से हल्का whine सुनाई देता है, और highway पर 80 km/h से ऊपर tire noise बढ़ता है।” यह दर्शाता है कि Nexon EV शांत और आरामदायक ride प्रदान करता है। अधिक जानकारी के लिए, आप Tata Motors की वेबसाइट देख सकते हैं।

MG ZS EV (एमजी जेडएस ईवी): यह premium electric SUV अपनी features के लिए पसंद की जाती है। MG ZS EV sound (एमजी जेडएस ईवी ध्वनि) भी बहुत कम है, और cabin अच्छी तरह से insulated है। Autocar की review में कहा गया, “70 mph पर wind और road noise सुनाई देता है, लेकिन engine noise की अनुपस्थिति इसे शांत बनाती है।” यह मॉडल भी urban driving के लिए उपयुक्त है।

इन दोनों मॉडलों की तुलना conventional cars से करने पर, यह स्पष्ट है कि electric cars शांत होती हैं, खासकर कम गति पर। यह विशेषता उन्हें भारत के व्यस्त शहरों में आदर्श बनाती है।

Regulations and Standards for Electric Car Noise in India | भारत में इलेक्ट्रिक कार शोर के लिए नियम और मानक

electric car sound regulations

Electric vehicles की बढ़ती संख्या के साथ, दुनिया भर में उनके शोर स्तरों को नियंत्रित करने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं। यूरोप और अमेरिका में, electric car sound regulations (इलेक्ट्रिक कार ध्वनि नियम) के तहत Acoustic Vehicle Alerting System (AVAS) अनिवार्य है, जो कम गति पर ध्वनि उत्पन्न करता है। भारत में, electric vehicle noise standards India (भारत में इलेक्ट्रिक वाहन शोर मानक) अभी विकास के चरण में हैं।

SAE International की एक report के अनुसार, भारत में जल्द ही AVAS जैसे नियम लागू हो सकते हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि electric cars कम गति पर पर्याप्त ध्वनि उत्पन्न करें ताकि electric car pedestrian safety India (भारत में इलेक्ट्रिक कार पैदल यात्री सुरक्षा) बनी रहे। Ministry of Road Transport and Highways इन मानकों को लागू करने के लिए Automotive Industry Standards (AIS) committee के साथ काम कर रहा है। अधिक जानकारी के लिए, Ministry of Road Transport and Highways की वेबसाइट देखें।

  • AVAS का उद्देश्य: कम गति पर 56 dB की ध्वनि उत्पन्न करना ताकि pedestrians को वाहन की उपस्थिति का पता चले।
  • भारत में स्थिति: अभी कोई विशिष्ट नियम नहीं, लेकिन global standards को अपनाने की संभावना है।
  • निर्माताओं की भूमिका: Tata और MG जैसे manufacturers पहले से ही pedestrian warning systems शामिल कर रहे हैं।

Comparison of Noise level | शोर स्तर की तुलना

इलेक्ट्रिक कारों और पारंपरिक कारों के बीच शोर स्तर की तुलना करने के लिए, हमें विभिन्न गतियों पर उनके प्रदर्शन को समझना होगा। नीचे दी गई तालिका इसकी एक स्पष्ट तस्वीर प्रस्तुत करती है:

इलेक्ट्रिक कारें बनाम पारंपरिक कारें – शोर स्तर

गति (Speed)इलेक्ट्रिक कारों का शोर स्तर (Noise Level of Electric Cars)पारंपरिक कारों का शोर स्तर (Noise Level of Traditional Cars)
कम गति (30 km/h) (Low speed)लगभग 56 dB (AVAS सक्रिय) (Approximately 56 dB with AVAS)65 dB या उससे अधिक (65 dB or more)
उच्च गति (70 km/h) (High speed)टायर और हवा का शोर, लेकिन इंजन शोर के बिना (Tire and wind noise, no engine noise)89 dB तक (Up to 89 dB)

यह तालिका दर्शाती है कि इलेक्ट्रिक कारें, विशेष रूप से कम गति पर, बहुत शांत होती हैं, जो शहरी ड्राइविंग के लिए आदर्श बनाती हैं। उच्च गति पर, हालांकि टायर और हवा का शोर बढ़ता है, लेकिन इंजन शोर की अनुपस्थिति उन्हें पारंपरिक कारों की तुलना में शांत रखती है।

Impact of Electric Cars on Noise Pollution in India | भारत में शोर प्रदूषण पर इलेक्ट्रिक कारों का प्रभाव

भारत के शहरों में noise pollution (शोर प्रदूषण) एक गंभीर समस्या है, जहां traffic और honking से शोर का स्तर बहुत अधिक होता है। Electric cars इस समस्या को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। ScienceDirect की एक study के अनुसार, electric buses के उपयोग से traffic noise 4.4 dB तक कम हो सकता है।

भारत में, जहां buses और two-wheelers शोर के प्रमुख स्रोत हैं, electric vehicles की ओर बढ़ना impact of electric cars on noise pollution India (भारत में शोर प्रदूषण पर इलेक्ट्रिक कारों का प्रभाव) को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। कम शोर से न केवल auditory stress कम होगा, बल्कि public health में भी सुधार होगा, जैसे कि stress और sleep disturbances में कमी।

उदाहरण के लिए, दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में, जहां traffic noise 80 dB से अधिक हो सकता है, electric cars का उपयोग शोर को काफी हद तक कम कर सकता है। यह urban residents के लिए एक शांत और स्वस्थ वातावरण बनाएगा।

electric car noise levels in India and in the world | शोर नियम और विनियम

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए शोर नियम अभी विकास के चरण में हैं, लेकिन वैश्विक रुझानों से संकेत मिलता है कि Acoustic Vehicle Alerting System (AVAS) जल्द लागू हो सकता है। AVAS एक सिस्टम है जो इलेक्ट्रिक वाहनों को कम गति पर ध्वनि उत्पन्न करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि पैदल चलने वालों को वाहन की उपस्थिति का पता चल सके। यूरोप और यूएस में, यह नियम अनिवार्य है, और भारत में भी ऐसा ही होने की संभावना है।

नीचे दी गई तालिका विभिन्न क्षेत्रों में शोर नियमों की तुलना करती है:

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए शोर नियम

देश/क्षेत्र (Country/Region)नियम (Regulation)विवरण (Details)
भारत (India)विकासाधीन (Developing)AVAS के लिए नियम जल्द ही लागू हो सकते हैं, जो कम गति पर कम से कम 56 dB ध्वनि उत्पन्न करने की आवश्यकता रखता है। (Regulations for AVAS are likely to be implemented soon, requiring a minimum of 56 dB sound at low speeds.)
यूरोप (Europe)अनिवार्य (Mandatory)सभी नए इलेक्ट्रिक वाहनों में AVAS होना चाहिए, जो कम गति पर कम से कम 56 dB ध्वनि उत्पन्न करे। (All new electric vehicles must have AVAS, emitting at least 56 dB at low speeds.)
यूएस (US)अनिवार्य (Mandatory)इलेक्ट्रिक वाहनों को कम गति पर ध्वनि उत्पन्न करने के लिए AVAS स्थापित करना आवश्यक है। (Electric vehicles must be equipped with AVAS to emit sound at low speeds.)

यह तालिका दर्शाती है कि भारत वैश्विक मानकों का अनुसरण कर सकता है, जो पैदल चलने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

Safety Concerns and Solutions | सुरक्षा चिंताएं और समाधान

Electric cars की शांत प्रकृति, हालांकि noise pollution (शोर प्रदूषण) के लिए फायदेमंद है, electric car pedestrian safety India (भारत में इलेक्ट्रिक कार पैदल यात्री सुरक्षा) के लिए चुनौतियां पेश करती है। Visually impaired individuals और अन्य pedestrians को वाहन की उपस्थिति का पता लगाने के लिए ध्वनि पर निर्भर रहना पड़ता है।

इसे संबोधित करने के लिए, AVAS जैसे सिस्टम विकसित किए गए हैं, जो कम गति पर ध्वनि उत्पन्न करते हैं। भारत में, manufacturers जैसे Tata Motors पहले से ही pedestrian warning systems को शामिल कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, Tata Nexon EV में low-speed warning sound होता है जो pedestrians को सचेत करता है।

भविष्य में, electric vehicle noise standards India (भारत में इलेक्ट्रिक वाहन शोर मानक) के लागू होने से यह सुनिश्चित होगा कि सभी electric cars में ऐसे सिस्टम हों। यह शांतता और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखेगा।

Questions and Answers | प्रश्न और उत्तर

What are the noise levels of electric cars in India? | भारत में इलेक्ट्रिक कारों के शोर स्तर क्या हैं?

भारत में electric cars, जैसे कि Tata Nexon EV (टाटा नेक्सन ईवी) और MG ZS EV (एमजी जेडएस ईवी), बहुत कम शोर उत्पन्न करती हैं। कम गति पर, इनका शोर स्तर 50 dB के आसपास होता है, जो एक refrigerator के hum के बराबर है। उच्च गति पर, tire और wind noise बढ़ता है, लेकिन यह conventional cars से कम रहता है।

Are electric cars quieter than traditional cars in India? | क्या भारत में इलेक्ट्रिक कारें पारंपरिक कारों से अधिक शांत हैं?

हां, are electric cars quieter in India (क्या भारत में इलेक्ट्रिक कारें अधिक शांत हैं) का जवाब सकारात्मक है। Electric cars में internal combustion engine नहीं होता, जिससे वे खासकर कम गति पर बहुत शांत होती हैं। यह urban areas में noise pollution (शोर प्रदूषण) को कम करता है।

What regulations exist for electric car noise in India? | भारत में इलेक्ट्रिक कार शोर के लिए कौन से नियम मौजूद हैं?

वर्तमान में, भारत में electric car sound regulations India (भारत में इलेक्ट्रिक कार ध्वनि नियम) पूर्ण रूप से लागू नहीं हैं। हालांकि, SAE International की report के अनुसार, AVAS जैसे नियम जल्द ही लागू हो सकते हैं, जो electric car pedestrian safety India (भारत में इलेक्ट्रिक कार पैदल यात्री सुरक्षा) को बढ़ाएंगे।

How do electric cars impact noise pollution in India? | इलेक्ट्रिक कारें भारत में शोर प्रदूषण को कैसे प्रभावित करती हैं?

Electric cars, अपनी शांत प्रकृति के कारण, impact of electric cars on noise pollution India (भारत में शोर प्रदूषण पर इलेक्ट्रिक कारों का प्रभाव) को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं। Studies दर्शाती हैं कि electric vehicles traffic noise को कई decibels तक कम कर सकते हैं, जिससे public health में सुधार होता है।

What safety measures are in place for pedestrians with electric cars? | इलेक्ट्रिक कारों के साथ पैदल यात्रियों के लिए कौन से सुरक्षा उपाय हैं?

Electric car pedestrian safety India (भारत में इलेक्ट्रिक कार पैदल यात्री सुरक्षा) को सुनिश्चित करने के लिए, manufacturers जैसे Tata Motors low-speed warning systems शामिल कर रहे हैं। भविष्य में, AVAS जैसे नियम इस सुरक्षा को और मजबूत करेंगे।

Conclusion | निष्कर्ष

अंत में, electric car noise levels in India (भारत में इलेक्ट्रिक कार के शोर स्तर) एक महत्वपूर्ण विषय है जो भारत में electric mobility के विकास के साथ प्रासंगिक हो रहा है। Electric cars conventional vehicles की तुलना में शांत विकल्प प्रदान करती हैं, जिससे noise pollution (शोर प्रदूषण) कम होता है और driving experience बेहतर होती है। हालांकि, उनकी शांत प्रकृति pedestrian safety (पैदल यात्री सुरक्षा) के लिए चुनौतियां पेश करती है, जिसे AVAS जैसे सिस्टम और नियमों के माध्यम से संबोधित किया जा रहा है।

भारत में electric vehicles के लिए regulatory framework विकसित होने के साथ, शांतता और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण होगा। Electric vehicles के बारे में अधिक जानकारी और संसाधनों के लिए, I Love Electric पर जाएं।

Sunil is an accomplished automobile writer with over a decade of experience in the automotive industry, specializing in electric vehicles and market trends in India.

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